नारियल एक गुण अनेक
नारियल का उत्पादन विश्व के बहुत से देश में किया जाता है । प्राचीन काल से भारत नारियल का उत्पादन करता आ रहा है यह फल कई लोगों की आजीविका का साधन है इस फल के कई नाम है संस्कृत में नारियल को नारिवोल,श्रीफल, दृढ़ फल,सदाफल और इंग्लिश में कोकोनट के नाम से जाना जाता है यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी होता है नारियल के अंदर अनेकों गुण पाए जाते हैं इसकी फसल ज्यादातर फिलिपींस और भारत प्रशांत महासागर के बीच के द्वीपों से पाई जाती है। इसका बड़ा वृक्ष वर्ष भर में 90 से 100 फल देता है इस फल की प्रारंभिक अवस्था में इसमें केवल पानी होता है बाद में यह गिरी के रूप में परिवर्तित होकर ठोस रूप ले लेता है नारियल के पेड़ में फूल मार्च से जुलाई में निकलते हैं यह फल अपने विशेष गुना के कारण अत्यधिक उपयोगी है नारियल में ,जल ,प्रोटीन ,वसा, खनिज पदार्थ, कैल्शियम फास्फोरस, लोहा तथा विटामिन ए व बी होता है इस फल में लवण बड़ी मात्रा में पाया जाता है इससे उच्च कोटि का वनस्पति तेल भी बनता है जिसमें प्रोटीन साधारण मात्रा में पाई जाती है
नारियल का उपयोग
गर्म देशों में जहां अधिक गर्मी पैदा करने वाली वस्तुएं खाने की जरूरत नहीं होती वहां नारियल उपयुक्त आहार सिद्ध होता है इसकी गिरी से कब्ज की शिकायत दूर होती है इसके छोटे-छोटे टुकड़ों में तेल के छोटे-छोटे कारण होते हैं जो आंत को सिग्नल कर उनमें स्थित मॉल को बाहर निकलने में सहायक होते हैं गुण की दृष्टि से नारियल एक संपूर्ण आहार है इसके सेवन से आहार और पेय के सारे आवश्यकता एक साथ प्राप्त हो जाते हैं तथा प्राकृतिक रूप में ही ग्रहण करने के कारण इसके पाचन में कठिनाई नहीं आती आयुर्वेद के अनुसार नारियल शीतल, बलवर्तक ,ओजवर्धक ,बुद्धि वर्धक, कफ नाशक तथा स्वादिष्ट होता है यह तृषा ,पित्त ,वात, रक्त दोष का नाश करने वाला होता है।
नारियल का सेवन कैसे करें
नारियल का सेवन हम कई प्रकार से कर सकते हैं कच्चे नारियल का पानी गुण में दूध के समान ही होता है इसे पीने से बच्चों के शरीर का विकास होता है यदि रात्रि को सोते समय इसका सेवन किया जाए तो नाडी संस्थान को बड़ा आराम मिलता है। व्यक्ति गहरी नींद सोता है। शरीर ताजा रहता है ।मनपसंद रहता है नारियल जल हृदय के लिए बहुत लाभकारी है। यह पित्त प्रकृति वालों के लिए सर्वोत्तम है यदि शरीर में अम्लता पैदा हो जाए तो इसके जल को पीने से राहत मिलती है रक्त शुद्धि के लिए इसका पानी अत्यंत उपयोगी है शरीर में खारिश हो तो नारियल तेल की मालिश से लाभ होता है नारियल जल के प्रयोग से अनिद्रा रोग भी दूर हो जाते हैं इसके जल में थोड़ी बर्फ मिलाकर पीने से हिचकी बंद हो जाती है।
नारियल का तेल के फायदे
नारियल का तेल एंटीबायोट्स होता है जो शरीर में जाकर खारिश, खाज ,खुजली को खत्म करता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने वाले पोषक तत्व देता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी है बालों को काला करने में सहायक बालों को काला करने के लिए हमारे आयुर्वेदिक ग्रंथ में नारियल के तेल का विशेष प्रयोग किया जाता है आंवला के साथ मिला कर इसको बालों से लगने पर बाल काला और लंबे हो जाते हैं बहुत सी ग्रहणीय इसका प्रयोग करती है1
खाज खुजली को दूर करने में सहायक
आमतौर पर देखने में आया है की नारियल का तेल लगाने से हमारी त्वचा खुश्क नहीं रहती और खाज, खुजली जल्दी खत्म हो जाती है जो व्यक्ति इसे अपने दैनिक जीवन में प्रयोग में लाता है वह कभी खाज, खुजली का शिकार नहीं होता कहीं बीमारियों से बचाता है नारियल जैसा की पहले बताया जा चुका है नारियल की गिरी ,नारियल का पानी और नारियल का तेल इनको उचित मात्रा में सेवन करने से हमारे शरीर को हम भयंकर बीमारियों से बचा सकते हैं यदि हम समय के साथ इनका प्रयोग करें तो शरीर आने को बीमारियों से मुक्त रहता है क्योंकि इसके अंदर बहुत से पोषक तत्व है जो शरीर के लिए बहुत आवश्यक है जैसे प्रोटीन ,वसा, खनिज पदार्थ ,कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम फास्फोरस, लोहा, विटामिन ए और बी इस फल में लवण बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं वनस्पति तेल भी हमें नारियल से प्राप्त होता है
निष्कर्ष
नारियल का हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत ही महत्व है इसको हम नारियल के पानी के रूप में कच्ची गिरि के रूप में वनस्पति तेल के रूप में प्रयोग कर सकते हैं नारियल में अनेक गुण है यदि हम समय-समय पर इनका प्रयोग करें तो शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं । हमारा शरीर बीमारियों से मुक्त रह सकता है हमें इसका सेवन करना चाहिए यदि कोई व्यक्ति गंभीर बीमारी से ग्रसित है वह किसी अच्छे वेद की सलाह से इसका प्रयोग करें।
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